Bholi Riya Bhabhi Ki Rasilli Chut |Trending Bhabhi Sex Story
भेसो का दूध दुहते हुए रिया ने अपनी चोली को खोल रखा था, वह भेसो की दूध की थैली और अपनी चूचियों को देखते हुए सोच रही थी, “इसकी चार और मेरी बस दो, पता नहीं ऐसा क्यों। शायद भेस के चार पैर है ना, इसीलिए।”
टीपू जो पूरे गाँव का सबसे बड़ा चुदकड़ लड़का था, उसकी नज़र रिया पर पड़ गई। उसी वक़्त टीपू थम गया और एक टक रिया की चूचियों को घूरने लगा।
“अरे भाई, इस पगली पर नज़र कैसे नहीं गई मेरी अब तक। क्या कमाल की चूचिया है इसकी, गोरी-गोरी बड़ी चूचिया, इसके निप्पल चूसने में तो बड़ा माज़ा आएगा भाई।”
अपने खड़े लंड को टीपू pant में ही हिलने लगा, रिया की चूचियों के माज़े लेते हुए और तब अचानक उसके रंग में भंग पड़ा जब रिया की माँ भेसो के तबेले में आई।
उन्होंने रिया को जब उस हाल में देखा तो हक्की बक्की रह गई और गुस्से में बोली, “अरी नालायक लड़की, अपनी चोली खोल कर बैठी है, तुजे किसी ने ऐसे देख कर चोददिया तो हम कही मुँह दिखने के लायक नहीं रहेंगे।”
“माँ में तो बस अपनी दूध की जगह को भेसो की दूध की थेलियो से मिलाकर देख रही थी।”
“एक चपेट पड़ेगा तुजे, जल्दी से चोली पहन अपनी।” Bholi Riya Bhabhi Ki Rasilli Chut |Trending Bhabhi Sex Story
चोली पहनाकर रिया की माँ उसे घर के भीतर ले गई और टीपू भी वहा से निकल पड़ा। लंड में आग तो लग गई थी, लेकिन रिया को चोदना इतना आसान नहीं था फ़िलहाल, इसीलिए टीपू नदी किनारे निकल पड़ा।
अब नदी किनारे गाँव की औरते आती थी पेशाब और संडास करने, लेकिन इसका भी समय ते था, सुबह या फिर सूरज ढलने के बाद ही। टीपू महाराज अब अपनी क़िस्मत को आज़मा रहे थे, क्युकी चोदने की तलब बहुत जबरदस्त लगी थी, कोई बुद्धि भी आजाती तो टीपू तैयार था।
तकरीबन एक घंटे के इंतज़ार के बाद, जब मन निकलने का बन चूका था तब उसने दूर से पास, पिली रंग की साडी में आ रही एक महिला को देखा। जैसे-जैसे वह पास आ रही थी,
टीपू की बेचैनी बढ़ती जा रही थी, महिला थी सपना। सपना की उम्र १८ वर्ष थी और वह काफ़ी दुबली पतली-सी थी, जिसकी वज़ह से कोई मर्द उसकी तरफ़ आकर्षित नहीं होता था।
सपना पढ़ाई और चतुराई के मामले में काफ़ी आगे थी, अब टीपू के पास और कोई चारा नहीं था, उससे किसी भी हाल में चुदाई तो करनी ही थी। सपना को पटाने के बारे में वह सोचने लगा। सपना एक जगह पहुँच कर अपनी साडी उठा कर पेशाब करने लगी और टीपू बस उससे घुर-घुर कर देख रहा था, सपना यहाँ वहा देखने लगी पेशाब करते-करते और उसकी नज़र अचानक गई टीपू पर। वह ज़ोर से चीखी और खड़ी होगई, “आ, साले कुत्ते, लड़की को पेशाब करते देखता है।”
“अरे तुम खड़ी क्यों होगई, करलो आरामसे, में तुम्हारे लिए पानी ले आता हु।”
“कमीने जा यहाँ से, वरना शोर मचाकर लोगों को जमा कर लुंगी।”
हस्ते हुए टीपू ने कहा, “हा हा हा, कोई नहीं आएगा इस वक़्त नदी के किनारे, इस भरी दोपहरी में।”
सपना ने टीपू की तरफ़ पत्थर फेके और टीपू उससे समजने लगा, “अरे पगली लग जाएगी मुझे, सुन मेरी बात, तुजे अगर हज़म ना हुई तो में चुप चाप चला जाऊंगा।”
सपना रुक गई और टीपू से कहा, “जल्दी बोल।”
“देख मुझे अच्छे से पता है कि तेरी चुदाई अब तक हुई नहीं है और तुजे वह मुनीम का बेटा काफ़ी पसंद है। तू अगर उससे चुदवाना चाहती है तो उससे पहले तुजे मुज से चुदवाना चाहिए, इसीलिए क्युकी मुनीम के बेटे को पसंद है
बड़ी-बड़ी चूचिया और तेरी छोटी-सी ही है। में ऐसे दबाऊंगा की तेरी मस्त बड़ी होजायेगी, मुझे एक तरकीब पता है दबाने की।”
अब तो सपना की कमज़ोरी को ही टीपू ने नाप लिया था और उसका समाधान भी बता दिया था।
सपना, “तो क्या करना है अब?”
टीपू, “सबसे पहले तो ज़रा उस तरफ़ घास में चल और फिर दोनों अपने कपडे खोलेंगे, उसके बाद में तुजे आगे क्या करना है वह समझाऊंगा।”
“औ टीपू की औलाद, मुझे पता है कि तुजे मुझे चोदना है, लेकिन में तुजसे बस इसीलिए चुदवाराही क्युकी तू मेरी चूचिया बड़ी करने वाला है।” Bholi Riya Bhabhi Ki Rasilli Chut |Trending Bhabhi Sex Story
“तब तो बढ़िया है कि तुजे सब पता है, तो चल फिर।”
टीपू और सपना घास में घुस गए और फिर दोनों ने अपने कपडे खोल दिए, टीपू का लंड खड़ा हुआ था और सपना ने अब तक तो कोई असली लंड देखा नहीं था, हैरान होकर सपना बोली, “अरे दिया, तेरा लंड तो पोर्न फ़िल्म के लोंडो जैसा है।”
“माज़ा भी बिलकुल वैसा ही देगा तुजे। वैसे तू बस दुबली है रे, बदन तेरा भी बहुत मस्त कसा हुआ है।”
“पता है मुझे, बस मुझे अपनी चूचिया पसंद नहीं, देख ना कितनी छोटी-सी है।”
“तू फ़िक्र मत कर, ऐसा चूसूंगा की पहली बार में ही फ़र्क़ तुजे नज़र आएगा।” फिर टीपू ने सपना ने खड़े निप्पल को चूसना शुरू किया और सपना को माज़ा आने लगा। “आ आ” करती हुई वह टीपू के बाल खींचने लगी। अपनी उंगलियों से फिर टीपू ने सपना की चुत को भी रगड़ना शुरू किया, जिसकी वज़ह से सपना की चुत काफ़ी गीली होने लगी थी।
“अच्छा सुनरी, अब तुजे ना मेरा लंड चूसना पड़ेगा।”
“छी, में नहीं करुँगी।” Bholi Riya Bhabhi Ki Rasilli Chut |Trending Bhabhi Sex Story
“तुजे बहुत माज़ा आएगा, चल अब।”
टीपू ने सपना का हाथ पकड़ा और उसे अपने लंड के पास झुका दिया और फिर उससे कहा, “ले मुँह में।”
पहले तो डरते हुए सपना ने टीपू का मोटा लंड अपने हाथो में लिया और फिर उसे थोड़ा-सा मुँह के अंदर डाला, टीपू सपना का सर हलके से पकड़ कर लंड पूरी तरह से उसके मुँह में डालने की कोशिश कर रहा था। सपना को लंड का स्वाद अच्छा लगा और वह उसे चूसने लगी। आँख बंद कर टीपू बहुत ज़्यादा आनंद ले रहा था।
” फिर जब टीपू की उत्तेजना अपने चरम पर थी उसने सपना को घास पर लेटा दिया, “तो पहले कभी लंड ली नहीं हो चुत में, चुत को देख कर समज आ रहा है।”
“हाँ तुम्हारा लंड पहला है, लेकिन संभल कर डालना, दर्द होता है हमको पता है।”
फिर टीपू महाराज ने अपना लंड चुत पर मसला और धीरे-धीरे अंदर डालते गए, पहले कुछ वक़्त के लिए तो सपना दर्द से करराही और जब चुत पूरी तरह से खुल चुकी थी तो माज़े से कराने लगी। टीपू ने सपना की टांगे फैलाकर उससे अच्छे से चोदा और फिर उसके पेट पर अपने लंड की मलाई निकाल दी। सपना बोली, “साले कुत्ते, मुझ पर क्यों निकाला?”
“रोका नहीं गया हमसे। माज़ा आया तुम्हे?” हाँ माज़ा तो बहुत आया।” मुस्कुराते हुए सपना बोली, “दूसरी बार जल्दी कराएँगे तुमसे चुदाई।”
“अच्छा तो फिर यही मिलना, इसी वक़्त इतवार को और अबकी बार मिलोगी ना तो तुम्हारी चुत को चाटेंगे हम।”
“हम्म, ज़रूर।”
फिर दोनों अपनी राह निकाल पड़े। अब उस रात टीपू को बस रिया का ही ख़्याल बार-बार आ रहा था, किसी भी तरह उससे बस भोली रिया की चुदाई करनी थी। वह तरकीब के बारे में सोचने लगा और फिर उसे एक बढ़िया-सी तरकीब सूजी। अगले दिन वह रिया के घर गया और उसके परिवार से मिला, जैसे ही उसे मौका मिला रिया से अकेले में बात करने का, वह रिया से बोला, “तुम्हे एक मज़ेदार खेल सिखाना है, आज शाम नदी के किनारे आ सकती हो? पर अकेले आना और किसी को बताना नहीं।” Bholi Riya Bhabhi Ki Rasilli Chut |Trending Bhabhi Sex Story
रिया ने तो ख़ुशी-ख़ुशी हाँ करदी और फिर टीपू वह से निकल गया। जब शाम हुई तो टीपू बेसबर होकर रिया का इंतज़ार कर रहा था, थोड़ी देर बाद उसने रिया को आते हुऐ देखा, लाल रंग की चोली में वह गज़ब खूबसूरत लग राही थी। टीपू की नज़र रिया की तंग चोली पर अटकी राही और जब वह पास आई तो टीपू ने उससे पूछा, “चोली छोटी होती जा रही है तुम्हारी?”
“हाँ, माँ कहती है कि अब में २० की हु और काफ़ी सयानी होगई हु। चलो अब बताओ उस खेल के बारे में।”
“चलो फिर, हमको सबसे पहले घास के बिच जाना होगा, जहा हमको कोई भी ये खेल खेलते हूए ना देखे।”
टीपू रिया को अपने साथ ले गया और फिर उससे कहा, “इस खेल का नाम है चोदम चुदाई और इसके बारे में अभी तुम किसी को नहीं बता सकती हो। ये खेल खेलने के बाद तुम और भी सयानी होजाओगी।”
“अरे वह, चलो फिर जल्दी से खेलते है।”
“हाँ हाँ चलो, अब सबसे पहले में अपनी कमीज उतरूंगा और तुम्हे उतारनी होगी अपनी चोली। ठीक है, ऐसे करते-करते हम दोनों को बारी-बारी अपने कपडे उतारने है, उसके बाद फिर हम आगे खेलेंगे।”
“ओह ये तो मज़ेदार खेल है।”
तो पहले टीपू ने शुरवात की और फिर जब रिया की चोली उत्तरी तो उसकी बड़ी-बड़ी गोरी चूचिया देख कर टीपू से रहा नहीं गया, “रिया क्या में इन्हे छू सकता हु?”
“हाँ छूलो।”
जैसे ही टीपू ने छुआ तो रिया के पूरे जिस्म में बिजली-सी दौड़ गई और वह अपनी आखे बंद करके छुवन के माज़े लेने लगी। “उफ़ तुम छू रहे हो तो बहुत माज़ा आ रहा है और अचे से छुओ।” फिर तो टीपू उसकी चूचियों को दबाने भी लगा और रिया के लाल रंग के निप्पल खड़े होगये, ” ये तुम क्या कर रहे हो मेरे साथ, मुझे बहुत माज़ा आ रहा है। ‘
“तुम बस माज़े उठाओ रिया।”
टीपू निप्पल को चूसने लगा और रिया करहाने लगी, “आ आ आ”
टीपू ने धीरे से रियाके घाघरे में अपना हाथ डाला और उसकी बालो वाली चुत का मुआइना किया तो पता चला की चुत गीली थी, काफ़ी गीली, तो रियाबोली, “लगता है मुझे सुसु आ राही है।”
“तो कार्डो, में तुम्हारी मम्मी नहीं हु जो नाराज़ होजाऊंगी। करलो सुसु इसी तरह।”
दरअसल रिया को चुदाई की कोई जानकारी नहीं थी, तो चुत का गिला होना उसे पेशाब लग रहा था, वह मस्त रहीं और टीपू उसकी चुत में अपनी ऊँगली करता रहा। टीपू ने अपनी pant खोल दी और उसका खड़ा लंड डूबकर बहार आगया, रिया ने जैसे ही लंड को देखा उसकी आँख चमक उठी और उसने टीपू से पूछा, “ये क्या है?”
“इसे लंड कहते है। लड़के इससे पेशाब करते है और में तुम्हे इसका एक दूसरा प्रयोग भी दिखने वाला हु।” Read more…
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