Nanga Jism, Auntie Ka, हाये दोस्तों आज आपको सुनाने जा रहा हूं एक कहानी अपने मुहल्ले की एक आकर्षक आंटी की जिसकी जवानी एक दीवानी कर देने वाली चीज थी। वो मेरे पड़ोस वाले कमरे में किराए पर रहती थी, अंकल एक बाबू थे सरकारी आफिस में। एक बेटे के होने के बावजूद उसकी कमर के लटकों में कोई कसबल नहीं हुए थे, उसकी जवानी उतनी ही आकर्षक दिखती थी जितनी की कभी वो आज से पांच साल पहले कंवारी रहते हुए दिखती थी। अब मैं बीए फर्स्ट का स्टूडेंट था और आंटी की उम्र करीब तीस साल थी।
दस सालों के अंतर के बावजूद इस उम्र में बीस साला लंड एक दम जिस उफान पर होता है, आप में से सब साथी इस बात को जानते ही होंगे। तो मैं अक्सर अपने कमरे से बाहर निकल कर यह थाह लेता रहता था कि आंटी के कमरे में क्या च्ल रहा है। अक्सर लड़ाई झगड़ा चीख पुकार और यही सब आंटे दाल का हिसाब। मैं सोचता था, चपड़गन्जू हो चले अंकल कब आंटी की प्यास बुझाते होंगे। इतनी आकर्षक बीबी को चोदने का वक्त कब मिल पाता होगा उसे। इसी उधेड़बुन में एक दिन मैं उसके खिड़की के पास खड़ा था, अंकल आफिस चले गये थे और आंटी अभी अभी बाथरुम से नहाके निकली थी। कमरे में लाईट जल रही थी और खिड़की हल्की खुली हुई थी। मैने देखा उसके कमर तक आकर्षक बाल झूल रहे थे। तौलिया लपेटे मेरी जान आंटी अपने चूंचों और गांड को आधा ही ढके थी। छोटी तौलिया कितनी जवानी ढंक सकती है भला। मैने अपना लंड पकड के मसलना शुरु कर दिया। चूंकि मेरे मम्मी पापा भी आफिस चले गये थे और मेरी उस दिन छुट्टी थी तो मैं अकेले था मकान में। मैने आंटी को देख कर अपने पैंट में हाथ डाल कर लंड को पकड़ लिया था। मैं उसे देख रहा था। अपना बाल झटकते ही उसका टावेल खुल गया। Nanga Jism, Auntie Ka
टावेल खुलते ही उसके मरमरी गोरे गोरे दूधियां चूंचे बाहर आये और हिलने लगे। ऐसे जैसे कि स्प्रिंग पर फिट हों और किसी ने उन्हें छेड़ दिया हो। उसने उनको पकड़ा, सहलाया, मुह से एक आह भरी और अपनी चूत सहलाने लगी। उसका दरवाजा बंद था पर उसे पता नहीं था कि खिड़की के खुले झिर्री से कोई उसे देख रहा है। मैने अपना खड़ा हो चुका लंड बाहर निकाल कर मूठ मारना शुरु कर दिया था कि मैने देखा कि आंटी अपने बेड पर बैठ कर अपनी चूत में कंघी की गोल गोल मूठ घुसा के अंदर बाहर करने लगी थी। वाकई आंटी की कंघी का हत्था काबिले तारीफ था। बिल्कुल पेंच कटी हुई थी उसपर और मोटा लंबा था। वाह्ह ऐसा जैसे कि उसको मल्टीपरपज बनाया गया हो महिलाओं के लिए। आंटी ने कंघी को अंदर बाहर करते हुए, आह्ह!! आह्ह्ह!! करने लगी। Nanga Jism, Auntie Ka
मुझे समझ में आया, दाल नून के खर्चे में आदमी अपने सेक्स के कर्तब्यों को कैसे भूल जाता है और घर में आकर्षक बीबी होने के बावजूद उसे समय देकर चोद नहीं पाता है। मैने अपना लंड और तेजी से हिलाना शुरु कर दिया था। उसमें धुक धुक सी हो रही थी, ऐसा जैसे कि पानी निकलने समय होता है। मैं आंटी की आकर्षक चूत को और नजदीक से और साफ साफ देखना चाहता था, मैने खिड़की को और धकेल दिया जिससे कि मैं आंटी को और बेहतर तरीके से देख सकूं। पर यहीं फंस गया मैं, जैसे मैने खिड़की को धक्का दिया, आंटी ने खिड़की की तरफ देखा और हमारी उसकी नजरें मिल गयीं वो मुझे पहचान गयी, चिल्लाई, सोनू!! तुम?? मैने भागने की कोशिश की पर लंड पर तूफान आया हुआ था वो झड़ने वाला था, मैं उसे पकड़े पकड़े और जोर से हिलाने लगा। ताकि कि झड़ जाऊं और फिर आराम से भाग सकूं। सच कहूं तो ऐसे में लंड को छोड़ने का मन भी नहीं कर रहा था। मैने अपना लँड हिलाते हुए जोर जोर से हस्तमैथुन का मजा लेना शुरु कर दिया था कि आंटी दरवाजा खोल कर बाहर आईं और मुझे अंदर खींच लिया। मेरे हाथ में मेरा लंड था, गीला होता हुआ, मेरी पिचकारी छूटने वाली थी कि आंटी ने अपना मुह मेरे सामने बैठ कर मेरे लंड पर लगा दिया। अंडे को पकड कर सहलाती हुई लंड को चूसने लगी। वो तो सेक्स की प्यासी चुदैल महिला लगने लगी थी मुझे। अपने चूत में कंघी पेल कर पहले ही वो गीली हो चुकी थी। लंड को चूसते हुए वह बोली कि तुम्हें क्या लगता है, खिड़की जानबूझकर मैने खोली थी।
मैं तुम्हारी हरकतों को जान रही थी। आज फंसे हो बाबू। और उसने मेरे लंड को निचोड़ दिया अपने हाथ से और अपने होंटों के बीच लेकर उसने उसके एक एक बूंद को पी लिया। Nanga Jism, Auntie Ka
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किसी बिल्ली की तरह अपने होंटों से जीभ को चाटती हुई उसने मेरे वीर्य को पूरा अंदर गटक लिया था। मेरे लिये ये सब सांसे रोकने वाला था। अब वो मेरे सामने खड़ी थी। उसके चूंचे मेरे मुह के करीब थे और वो उसमें मुझे दबाए जा रही थी। वो क्या चाहती थी मैं समझ सकता था। मैने उसके चूंचो के बीच की घाटी पर एक गहरा चुम्मा लिया और फिर उसकी आकर्षक गांड के गोलाईओं को दबोच कर किसी गुब्बारे की तरह फूलाने पिचकाने लगा।
वो उत्त्जित तो पहले से ही थी और मेरी कामूक हरकतों और मेरे शरीर में दौड़ते जवां खून के संपर्क में आकर वह और भी दबंग हो गयी। उसने मेरे लंड को पकड़ कर किसी डोरी की तरह खींच दिया। अंडे को सहलाने लगी। मेरा लंड फिर से दनदनाता खड़ा था।
अब बारी थी मेरे मजे कर ने की। हम दोनों बेड पर आगए और वो नीचे सो गयी। पेट पर बैठ कर मैने उसके आकर्षक चूंचों के बीच लँड डालकर के दोनों चूंचों को हाथों से दबा दिया और चूंच चोदन जिसको कि अंग्रेजी फिल्मों में टिट्स जाब बोलते हैं, करने लगा। उसने अपना मुह नीचे लाकर अपने जीभ से और फिर होटों से लँड के सुपाड़े को चाटने की कोशिश की।
जब भी मैं उसके चूंचे में पेलता, वह अपना मुह नीचे लाकर उसे चूस लेती। मुखमैथुन और चूंचमैथुन का यह खेल जोरदार चल रहा था Nanga Jism, Auntie Ka